Breakup Shayari
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कभी पत्थरों पर फूल खिल जाते हैं,
Breakup Shayari
कभी अजनबी अपने बन जाते हैं…
कभी लाशों को कफ़न तक नहीं मिलता,
Breakup Shayari
कभी लाशों पर ताजमहल बन जाते हैं…
गुज़र जाते हैं …..खूबसूरत लम्हें ….यूं ही मुसाफिरों की तरह….
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यादें वहीं खडी रह जाती हैं …..रूके रास्तों की तरह….
कभी हमसे भी दो पल की… "मुलाकात" कर लिया करो…
Breakup Shayari
क्या पता आज "हम" तरस रहे हैं…कल "तुम" ढुढते फिरो…
जवाब तो हर बात का दिया जा सकता है मगर,
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जो रिश्तों की अहमियत न समझ पाया वो शब्दों को क्या समझेंगे…!!!
टुकड़ों में बिखरा हुआ किसी का जिगर दिखाएँगे..!!
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कभी आना हमारी बस्ती तुम्हे अपना घर दिखाएँगे…!!!
शायरों से ताल्लुक रखो, तबियत ठीक रहेगी,
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ये वो हक़ीम हैं, जो अल्फ़ाज़ों से इलाज करते हैं…!!!
तुम पुछ लेना सुबह से
Breakup Shayari
न यक़ीन हो तो शाम से
ये दिल धड़कता है
सिर्फ़ तेरे ही नाम से
बदल गई है रंगत जमाने की जनाब,
Breakup Shayari
आजकल वही अनजान बनते हैं जो सब कुछ जानते हो…!!!
खूबसूरत था इस कदर कि महसूस ना हुआ,
Breakup Shayari
कि कैसे कहाँ और कब हमारा बचपन चला गया…!!!
पड़ते ही कदम तेरे कुछ माहौल बदल रहा है,
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लगता है जैसे चाँद आज जमीं पे चल रहा है…!!!
ये ज़िन्दगी है साहब यहाँ पर ख़ुशियाँ हैं ग़म भी हैं,
Breakup Shayari
महफ़िल में तन्हा तुम भी महफ़िल में तन्हा हम भी हैं…!!!
अल्फाज तय करते हैं फैसले किरदारो के
उतरना दिल मे है या दिल से उतरना है…..!!
Breakup Shayari
ना परख तू मुझे इस तरह मैं मजबूर हूँ,
मेरा कसूर बस इतना कि मैं बेकसूर हूँ।
क्यूँ किसी का इंतज़ार किया जाये,
चलो आज फिर से इश्क़ किया जाये..!!
तुम अगर चाहो तो पूछ लिया करो खैरियत हमारी..
कुछ हक़ दिए नही जाते ले लिए जाते है …
तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरी आँखों में मिलेगा,
तुम मेरी जुबान खुलने का इंतज़ार ना कर
जिंदगी को अपने ढंग से जीने में ही मजा है.!
दूसरे के ढंग से जिओगे तो ये एक सजा है.!!
कहता है कि मैं चांद हूं।
फिरता लिए कई दाग हूं।
बदलेगी ना ये जिन्दगी मेरी,
मैं खुद से ही नाराज हूं।।।
किसी के पाँव से काँटा निकाल कर देखो
तुम्हारे दिल की "चुभन "जरूर कम होगी
ताउम्र जलते रहे है धीमी आंच पर,
इसीलिए इश्क़ और चाय दोनों मशहूर हुए हैं…
बहुत खूबसूरत है तुम्हारी मुस्कराहट,
पर तुम मुस्कुराती कम हो।
सोचता हूँ देखता ही रहू तुम्हे,
पर तुम नज़र आती ही कम हो।
बस आंख लाया हूँ और वो भी तर नहीं लाया
हवाला इश्क़ का में मोतबर नहीं लाया
सिवाय इसके त'आर्रूफ़ कोई नहीं मेरा
मैं वो परिंदा हूँ जो अपने पर नहीं लाया
रफ़ी रज़ा
Breakup Shayari
करलू जो कैद तुम्हे इश्क के दायरे में
लोग जल जायँगे तुम्हे मेरे इतना करीब देख के
मेरी आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो
पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है…
लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर सकते जितना ये अकेला दिल तुझे करता है..
आहिस्ता आहिस्ता मेरे "दिल" में "दाखिल" हो कर
मुझे मेरे ही "दिल" से उसने "बेदखल" कर दिया
बदल गई है रंगत जमाने की जनाब,
आजकल वही अनजान बनते हैं जो सब कुछ जानते हो…!!!
मेरे बस में नही वरना कुदरत का लिखा हुआ काटता
तेरे हिस्से में आए बुरे दिन कोई दूसरा काटता
लारियों से ज्यादा बहाव था तेरे हर इक लफ्ज़ में
में इशारा नही काट सकता तेरी बात क्या काटता
ये दुनियाँ वाले भी बड़े अजीब होते है
कभी दूर तो कभी करीब होते
दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते
और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है
परिंदों की कतारें उड़ न जातीं तो क्या करतीं,
हमारी बस्तियों में सूखी झीलों के सिवा क्या है..
आंखों में आंसू आए तो खुद ही पोंछ लेना
दुनिया आएगी पोंछने तो सौदा करेगी……
किसी ने पूछा कौन याद आता है, अक्सर तन्हाई में?
हमने कहा कुछ पुराने रास्ते खुलती ज़ुल्फे और बस दो आँखें
धुंधली सी एक शाम में
यही गुजारिश मन की,
टूटे एक तारा मेरे लिए,
और मांग लूं मैं तुम्हें,
बस तुम्हें, हाँ तुम्हें।
Breakup Shayari
शोर करने वाले अगर खामोश हो जाये तो …
उनकी ख़ामोशी से सुकून नहीं खौफ आता है।
तेरे दिल का मेरे दिल से, रिश्ता अजीब है
मीलों की दूरियां , और धड़कन करीब है….
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,
कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम…!!
चाँद अगर पूरा चमके तो उसके दाग़ खटकते हैं
एक न एक बुराई तय है सारे इज़्ज़तदारों में..
झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है मगर
सर इतना मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े
इश्क मत कर लेना,मेरी फितरत ही शायराना है,
लफ्ज ए मोहब्ब्त, लिखती हू,
दिल भी आशिकाना है,
लगा कर इश्क़ की बाज़ी ,सुना है दिल दे बैठे हो,
मोहब्बत मार डालेगी, अभी तुम फूल जैसे हो।
आँखों की झील से दो कतरे क्या निकल पडे़……..
मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से उछल पड़े……..
मेरी महफ़िल में अभी नज़्म की इरशाद बाक़ी है
कोई थोड़ा ही भीगा है, अभी तो पूरी बरसात बाकी है.
दरारे अपनों मे ईस कदर ना बढने देना..
कि गैरों की जरुरत पडे मरम्मत कराने के लिये..
आओ सामने कभी दिल की बात करा देंगे
तन्हाई क्या होती है अहसास करा देंगे
फिर कहना गजल मे न लाना मुझे
चोरी से आपके दिल को ही अपना राज बना लेंगे
तकलीफ की सुरंगों से जब गुजरती है जिन्दगी,
तो अपने भी हाथ और साथ दोनों छोड़ देते है !!
अल्फाज़ तो जमाने के लिए हैं……
तुम आना,
तुम्हे धड़कनें सुनाता हूँ….!!
मोहब्बत का इरादा अब बदल जाना भी मुश्किल है
आप को खोना भी मुश्किल है आपको पाना भी मुश्किल है!!
लफ्जों में कहां लिखी जाती है…!
बेचैनियां मोहब्बत की……!!
मैंने तो हर बार पुकारा है
दिल की गहराइयों से आपको ……!!
पानी की हर बूंद का सम्मान करें..
चाहे वो आसमान से टपके
या किसी की आँखों से…!
कैसे छोड़ दू उम्मीद अपने जीतने की
वक़्त पलटने का इंतजार अब भी है मुझे
जिनसे थी हमें शिफ़ा की उम्मीद उसने ही मर्ज़े ज़ख्म दे दिया,
है हम फिर भी बहुत ख़ुश कुछ न सही उसने दर्दे ग़म तो दे दिया.
ग़म है तो सब्र हो जाएगा, ज़ख़्म का क्या कभी भर जाएगा,
दिल का है दिल से राब्ता तू ही बता कैसे ख़त्म हो जाएगा.
अगर सब कुछ मिल जाएगा ज़िंदगी मे तो तमन्ना किसकी करोगे, कुछ अधूरी ख्वाइशें तो ज़िन्दगी जीने का मज़ा देती है|| ❤
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