दाग गुलामी का धोया है जान लुटा कर,
दीप जलाये है कितने दीप बुझा कर,
मिली है जब ये आज़ादी तो फिर से इस आज़ादी को,
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचाकर.
एक सैनिक ने क्या खूब कहा है…
किसी गजरे की खुश्बू को महकता छोड़ आया हू,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हू,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ए भारत मा,
मैं अपनी मा की बाहों को तरसता छोड़ आया हू.
गणतंत्र दिवस मुबारक हो
तैरना है तो समंदर में तैरो
नदी नालों में क्या रखा है,
प्यार करना है तो वतन से करो
इस बेवफ़ा लोगों में क्या रखा है ||
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं.
दाग गुलामी का धोया है जान लुटा कर,
दीप जलाये है कितने दीप भुझा कर,
मिली है जब यह आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को…
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचाकर ||
हैप्पी रिपब्लिक डे.
देश भक्तो की बलिदान से
स्वतंत्रा हुए है हम
कोई पूछे कोन हो
तो गर्व से कहेंगे
भारतीय है हम
वतन हमारा ऐसा कोई न छोड़ पाये,
रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये,
दिल एक है एक है जान हमारी,
हिंदुस्तान हमारा है हम इसकी शान है
कड़े संघर्षों के बाद देश से
दुश्मनों को खदेड़ भगाया है
तुम क्या जानो, कई जाने
गंवाकर ये स्वतंत्रता पाया है
हमने अपने खून पसीने से
संविधान बनाया है
तब जाकर आज गणतंत्र दिवस पाया है
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